Bharat Bandh: कर्ज पूरी तरह माफ करने सहित अन्य मांगों को लेकर किसानों ने एक बार फिर से आंदोलन का ऐलान किया है। आठ जनवरी को भारत बंद का आह्वान करते हुए कहा है कि इस दिन देशभर में दूध व सब्जियों की सप्लाई बंद रखी जाएगी। किसान संगठनों ने सभी किसानों से अपील की है कि वे दूध व सब्जी सहित अन्य उत्पाद बिल्कुल भी शहरों में लेकर न जाएं। किसानों का दावा है कि देशभर में 249 किसान संगठन और 80 विद्यार्थी संगठन इस बंद को समर्थन दे रहे हैं। 
पंजाब की ज्यादातर किसान यूनियनें इस आंदोलन में शामिल नहीं हैं। जिन यूनियनों ने बंद की कॉल दी है वे ज्यादातर मालवा क्षेत्र में ही सक्रिय हैं। पंजाब में किसानों के बंद का असर दिल्ली पर पड़ने की संभावना बहुत कम है। पंजाब से सब्जी इत्यादि की सप्लाई दिल्ली को नहीं के बराबर होती है, लेकिन वेरका का दूध दिल्ली जाता है। किसान संगठनों ने मानसा में एक बजे से तीन बजे तक ट्रेन रोकने का भी ऐलान किया हुआ है।
भारतीय किसान यूनियन डकौंदा के डॉ. दर्शन पाल ने आरोप लगाया कि किसान कर्ज के कारण लगातार आत्महत्याएं कर रहे हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। किसानों के कर्ज पूरी तरह से माफ करने को लेकर आंदोलन खड़ा किया जाएगा। जब तक किसानों को उनकी फसल की कीमत एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर नहीं मिलती तब तक उनकी समस्याएं खत्म नहीं होंगी।
किसान संगठनों ने साठ साल से अधिक उम्र वाले सभी किसानों को दस हजार रुपये प्रति माह बुढ़ापा पेंशन देने की मांग की है। उनका कहना है कि किसान ही एक ऐसा वर्ग है जो हर समय मिट्टी से मिट्टी होता है, लेकिन बुढ़ापे में उसके पास कुछ नहीं होता।